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ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से पहले रखे इन बातों का ध्यान, नहीं तो हो सकता है नुकसान
नोटबंदी के बाद सरकार की कोशिश भारतीय अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने की है. इसके तहत सरकार द्वारा लोगों को खरीदारी के दौरान ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. मौजूदा मार्केट को नकदी की जगह कार्ड पर लाने के लिए अब ऑनलाइन भुगतान करने पर ग्राहकों को छूट भी दी जा रही है. इन सब के बीच आपको अलर्ट रहने की भी जरुर है, कहीं ऐसा ना हो कि ऑनलाइन भुगतान करने के चक्कर में आप अपनी गाढ़ी कमाई गवां बैठे. हम आपको बता रहे हैं कैसे आप सावधानी पूर्वक ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं.
ऑनलाइन भुगतान के दौरान रखे इन बातों का विशेष रूप से ध्यान
अपना एटीएम पासवर्ड किसी से भी शेयर न करें. पैसा निकालने और भुगतान करने के दौरान पूरी तरह से गोपनीयता बरतें.
- समय समय पर पासवर्ड को बदलते रहें.
- अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड का पिन भी बदलते रहें.
- अपने बैंक पासबुक को अपडेट करते रहें.
- बैंक कस्टमर केयर का नंबर अपने मोबाइल में सुरक्षित रखें. ताकि डेबिट और क्रेडिट चोरी या फिर खो जाने पर आप अपनी शिकायत बैंक में दर्ज करा सकें.
- एक बार भुगतान होने पर अगर पैसे कट जाएं तो बार—बार प्रयास न करें.
इन माध्यमों से करें ऑनलाइन ट्रांजेक्शन
मोबाइल बैंकिंग— अपने बैंक खाते को मोबाइल नंबर से जोड़कर एसएमएस के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को मोबाइल नंबर पर भुगतान किया जा सकता है. नोटबंदी के बाद भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने यूपीआई नामक सेवा शुरू की है. जिसके माध्यम से उपभोक्ता अपने बैंक खाते से किसी भी बैंक में मौजूद दूसरे खाते में 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक का भुगतान कर सकता है. ट्रांसफर होने वाली रकम तुरंत दूसरे खाते में पहुंच जाती है.
क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान— अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड है तो आप इन कार्ड के माध्यम से उन जगहों पर खरीददारी के लिए प्रयोग कर सकते हैं जहां कार्ड मशीन द्वारा भुगतान स्वीकार करने का विकल्प मौजूद हो. शहरी क्षेत्रों में अधिकांश बड़े प्रतिष्ठान और मल्टी ब्रांड शोरूम कार्ड मशीन से भुगतान स्वीकार करते हैं. अभी तक हमारे देश में इन कार्डस का प्रयोग बेहद सीमित है. केवल 4 प्रतिशत भुगतान कार्ड्स के माध्यम से होते हैं.
एप बैंकिंग— एप बैंकिंग ऐसी सुविधा है जो आजकल हर बैंक नि:शुल्क अपने उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवा रही है. इसके लिए एक स्मार्टफोन और इंटरनेट की आवश्यकता होती है. जिसके माध्यम से उपभोक्ता को बैंक का आधिकारिक एप डाउनलोड कर दिए निर्देशों के अनुसार अपनी एप बैंकिंग शुरू करवानी होती है. एप बैंकिंग के माध्यम से 50 हजार से लेकर 1 लाख रूपए तक के भुगतान एक समय में हो सकते हैं. एप बैंकिंग में भुगतान सीमा बैंकों के नियामानुसार अलग हो सकती है.
ई वॉलट— ई वॉलट ऐसे मोबाइल एपलीकेशन हैं जो आपको आसानी से रोजमर्रा की जरूरतों के लिए होने वाले भुगतानों को करने की आजादी देते हैं. ये एप किसी चैटिंग एप की तरह होते हैं. जिसमें आप केवल मोबाइल नंबर या कोड स्कैन के जरिए अपने दुकानदार को भुगतान कर सकते हैं. इन ई वॉलेट एप्स में आप अपने डेबिटकार्ड्स के माध्यम से रकम ट्रांसफर कर भुगतान कर सकते हैं. ई वॉलेट एप्स मोबाइल रीचार्ज, मूवी टिकट, बिल पेमेन्टस को लेकर समय समय पर कई तरह के आॅफर्स भी चलाते हैं. इन दिनों पे टीएम, फ्रीचार्ज, वीजा एप, मोबीक्विक और चिल्लर जैसे ई वॉलट यूजर्स के बीच पसंद किए जा रहे हैं.
नेट बैंकिंग— बड़े पेमेंटस के लिए नेट बैंकिंग बेहद सुरक्षित और आसान तरीका है. इसमें आप अपने कम्प्यूटर पर अपनी बैंक की वेबसाइट पर जाकर किसी भी बैंक में अपने बैंक खाते से सीधे रकम ट्रांसफर कर सकते हैं. यह सेवा शुरू करवाने के लिए आपको अपने बैंक अधिकारियों से संपर्क करना पड़ेगा जिसके बाद आप बैंक द्वारा तय सीमा तक आॅन लॉइन लेन देन कर सकते हैं.
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